पंजाब इस वक्त फ्लड से जूझ रहा है।
मेजर डैम्स में पानी सेफ्टी लेवल से ऊपर
है। भाखड़ा, पोंग, रंजीत सागर, शाहपुरकंदी
इन सबके लेवल्स अलार्मिंग है। सतलुज,
ब्यास, रावी, उफान पर है। पंजाब के लो
लाइन डिस्ट्रिक्ट रेड अलर्ट पर और उधर मेड
डिपार्टमेंट ने आने वाले दिनों के लिए
रेनफॉल की प्रेडिक्शन भी की है। तो इस
वीडियो में कुछ बेसिक चीजें समझने की
कोशिश करेंगे। सबसे पहले फ्लड्स हो क्यों
रहे हैं? डैम्स, बराज, कैचमेंट एरिया ऐसे
टेक्निकल जागंस को इजी भाषा में
एग्जांपल्स के साथ समझेंगे। मोस्ट
इंपैक्टेड एरियाज कौन से हैं? फसलों का
क्या? उधर पाकिस्तान वाले पंजाब में भी
फ्लड्स आ रखे हैं। अ लॉट ऑफ़ सेनेटर्स इन
पाकिस्तान बिलीव ये इंडिया की वजह से है।
हाउ ट्रू इज दैट? एंड आखिर में हम क्या कर
सकते हैं? तो शुरुआत करते हैं यह जानते
हुए कि ये फ्लड्स हो क्यों रहे हैं? तो
देखिए पंजाब जो नाम है वो अपने आप में ही
एक चीज को स्पष्ट करता है कि यह नदियों की
धरती है। पंजाब वो लैंड जहां पर पांच
नदियां बहती हैं। सतलुज, रावी, ब्यास,
इंडिया में, झेलम, चेनाब, पाकिस्तान में।
तो कौन से एरियाज इंपैक्ट हुए हैं यह
समझने के लिए जो पंजाब में रिवर्स फ्लो कर
रही हैं उसका फ्लो जरा जान लेते हैं।
सतलुज तिब्बत के पास मानसरोवर से रक्षतसाल
लेक से निकलती है। हिमाचल प्रदेश के शिप
की लाला से ये भारत में एंटर करती है और
पंजाब में एंटर होती है रूपनगर
डिस्ट्रिक्ट से जिसे हम रोपड़ भी कहते
हैं। देन इट फ्लोस थ्रू लुधियाना, जालंधर,
कपूरथला, फिरोजपुर, फाजलका। फिर ये
तरत-तरण डिस्ट्रिक्ट में ब्यास से मिलने
के बाद पाकिस्तान में चेनाब से मिल जाती
है। सतलुज पर कौन सा डैम है? भाकड़ा डैम
जो नंगल के पास है। ब्यास की बात करते
हैं। हिमाचल प्रदेश में रोहतंग पास के पास
व्यास कुंड से यह ओरिजिनेट होती है। पंजाब
में होशारपुर डिस्ट्रिक्ट के मुकेरिया से
ये एंटर होती है। सो होशियारपुर,
गुरदासपुर, कपूरथला, तरन-तारण, अमृतसर में
यह फ्लो करती है। कांगड़ा डिस्ट्रिक्ट के
पास इसके ऊपर एक डैम बना हुआ है जिसका नाम
है पोंग डैम। फिर बचती है रावी। यह भी
हिमाचल प्रदेश में रोहतांग पास के पास
बाराबंगल से ओरिजिनेट होती है। पंजाब में
पठानकोट से एंटर होती है। एंड इट फ्लोस
थ्रू पठानकोट एंड गुरदासपुर। इस पर बने
डैम का नाम रंजीत सागर डैम। नाउ व्हाई द
फ्लड्स इजी एंड सिंपल आंसर हैवी रेनफॉल।
जम्मू एंड कश्मीर में काफी दिनों से हैवी
रेनफॉल हो रही है और वही पानी जो है नीचे
भी बह कर आ रहा है व्हिच इज
कंट्रीब्यूटिंग टू ऑल दीज़ फैक्टर्स। जम्मू
एंड कश्मीर में तो कई लोगों की जान भी चली
गई। एटलीस्ट 33 पीपल हैव डाइड जिसमें से
30 लोग तो वैष्णो देवी जा रहे थे। तो ऊंचे
इलाकों में हैवी रेनफॉल और पंजाब में भी
हैवी रेनफॉल के चलते जो रावी सतलुज ब्यास
है इनके कैचमेंट एरियाज भर गए। कैचमेंट
एरिया क्या होता है? वो इलाका जहां से
बाकी जगहों का रेन वाटर फ्लो होता है और
फिर वहां से रिवर में जाता है। एग्जांपल
से समझते हैं। मान लीजिए आपका जो किचन का
सिंक है वो कैचमेंट एरिया है। अब शेल्स के
डिफरेंट-डिफरेंट कोनों से उस कैचमेंट
एरिया में यानी उस सिंक में पानी आ रहा
है। जो ड्रेन होल है वो रिवर है जहां पर
इवेंचुअली वो सारा पानी जा रहा है। अब अगर
सिंक में बहुत ज्यादा पानी भरने लग जाएगा।
इतना ज्यादा कि ड्रेन संभाल ना पाए तो
क्या होगा? सिंक ओवरफ्लो करने लगेगा। बस
वही कैचमेंट एरियाज में भी हो रहा है। वी
रेनफॉल के चलते और ऊपर से पानी ज्यादा आने
की वजह से वो कैचमेंट एरिया भरता जा रहा
है जिसमें रिवर्स उस फ्लो को ले ही नहीं
पा रही और क्योंकि डैम्स भी भर रहे हैं और
डैम्स को भी खाली करना बहुत इंपॉर्टेंट
है। उसके चलते भी लो लाइंग एरियाज में या
कई गांव में पानी भरता है। कितना पानी
छोड़ा गया है। ये क्यूसेक्स में देखा जाता
है। क्यूसेक पानी के फ्लो को मेजर करने का
यूनिट है। जैसे एक बोतल में कितना पानी
है। लीटर मिलीलीटर में हम नापते हैं। वैसे
ही जो फ्लो है वो क्यूसेक में नापा जाता
है। इट्स बेसिकली स्पीड ऑफ़ वाटर
डिस्चार्ज। पोंग से 94,845 क्यूसेक्स पानी
रिलीज़ हुआ है। दैट इज़ ऑलमोस्ट वन ओलंपिक
पूल एव्री सेकंड। रंजीत सागर डैम से 2.15
लाख क्यूसेक्स ऑफ़ वाटर। देयर इज़ 2.5
ओलंपिक पूल्स एव्री सेकंड। भाखड़ा से 43800
क्यूसेक्स। हाफ एन ओलंपिक पूल एव्री
सेकंड। तो रिवर समझ ली, डैम समझ ली। अब
बराज समझ लेते हैं। बराज रिवर्स पर बनाया
जाता है। एक लो वॉल जिसमें बहुत सारे फ्लड
गेट्स होते हैं। इसका काम होता है कि रिवर
के फ्लो को कंट्रोल करना और डायवर्ट करना।
अब माधोपुर बराज में क्या हुआ? माधोपुर
पठानकोट से 14 कि.मी. दूरी पर है और यहां
के 54 फ्लड गेट्स को खोलने के लिए 90
लोगों की टीम को बुलाया गया। ये फ्लड
गेट्स खोले जाए लेकिन उसमें प्रॉब्लम आ
रही थी। क्या प्रॉब्लम? मैसिव सिल्क
डिपोजिशन यानी मड सैंड सोइल वो फंसा हुआ
था। फ्लड गेट खुल ही नहीं पा रहे थे।
मैनुअली खोलने की कोशिश की जा रही थी।
इवेंचुअली कुछ लोग बह गए। दो लोग जो बहगे
थे उन्हें रेस्क्यू कर लिया गया। वन चार्ज
मैन इज रिपोर्टेडली मिसिंग। इवेंचुअली 60
पर्सनल को आर्मी ने एयरलिफ्ट किया जो वहां
फंस गए थे। किन इलाकों पर बुरा प्रभाव
पड़ा है? पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर,
कपूरथला, फिरोजपुर दे आर ऑन हाई अलर्ट।
सतलुज नदी पर रोपड़ फ्लोर बेल्ट जो है वो
राइजिंग वाटर लेवल्स फेस कर रही है।
अमृतसर डिस्ट्रिक्ट का रामदास एरिया वहां
के 40 गांव सबमर्ज हो चुके हैं। फिरोजपुर
के झमके विलेज में एक ब्रिज रिपोर्टेडली
कोलैप्स हो गया। फाजिलका के कई गांव के
लोगों को डिस्प्लेस होना पड़ा ताकि वो
किसी सेफर जगह पर जा पाए। हम सब जानते हैं
पंजाब में फार्मिंग एक फ्लोरिशिंग सेक्टर
है तो क्रॉप्स का क्या? फसलों का क्या?
स्टेट एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के स्टैट्स
के हिसाब से 2.3 लाख एकड़ ऑफ एग्रीकल्चर
लैंड इज अंडर वाटर। दैट्स द साइज ऑफ़ 2.3
लाख फुटबॉल फील्ड। माछवाड़ा के ससुराली
विलेज में पॉपुलर और पैडी की फसल का 60
एकड़ का इलाका बर्बाद हो गया। व हैवी रेन
फॉरकास्ट के चलते पंजाब चीफ मिनिस्टर
भगवंत मान ने यह अनाउंस किया है कि 30
अगस्त तक स्कूल्स बंद रहेंगे। अब
पाकिस्तान पर आ जाते हैं। कई मीडिया
रिपोर्ट्स ने ये कोट किया कि पाकिस्तान कह
रहा है कि इंडिया ने पानी छोड़ दिया इसलिए
हमारे यहां फ्लड्स आ गए। कुछ सेनेटर यह
लिख रहे हैं इंडियन अग्रेशन हाइली कंडेम्ड
ह्यूज क्वांटिटी ऑफ़ वाटर रिलीज़्ड इनू
रिवर्स बाय इंडिया। वेयर एस इंडिया ने कहा
है कि यह रूटीन फ्लड कंट्रोल मेजर है। आई
मीन इस स्टेटमेंट को लॉजिकली देखते हैं।
इंडिया का अपना नुकसान हो रहा है। अपने
लोगों की जान जा रही है। फसलें जा रही है।
लोग डिस्प्लेस हो रहे हैं। क्योंकि हैवी
रेनफॉल यहां हो रही है और फ्लड का पानी
यहां भी छोड़ा जा रहा है। रिवर्स यहां भी
उफान पर है। वाटर एंड नेचर इज समथिंग। यू
कांट कंट्रोल फुल्ली। उधर इंडिया ने
फ्रेंडली जेस्चर के चलते इस्लामाबाद को
वार्निंग भी इशू की एंड व्हेन इट कम्स टू
फ्लड्स इन पाकिस्तान उसके कई रीज़ंस हैं।
अगेन हैवी मसून रेंस, ग्लेशियल मेल्ट,
रिवर फ्लो जो हमने यहां पर भी देखा।
अनप्लांड अर्बनाइजेशन, डिफॉरेस्टेशन,
क्लाइमेट चेंज, पुअर इंफ्रास्ट्रक्चर। एंड
आई एम नॉट सेइंग दीज़ फैक्टर्स आर यूनिक टू
पाकिस्तान। ये ग्लोबल इश्यूज है। इन
नटशेल, सिर्फ इंडिया के पानी की वजह से
पाकिस्तान में बाढ़ नहीं आई है। इन द एंड
इसीलिए हमें यह समझना जरूरी है कि जिस
तरीके के स्टेप्स हम ले रहे हैं एज यू नो
मैनकाइंड। अ उसके इंपैक्ट्स अब लंबे समय
के बाद नहीं नजर आ रहे हैं। इमीडिएटली
उसके इंपैक्ट्स नजर आ रहे हैं।
को बखश दो। पेड़ लगाओ इधर। तबाही हो गई है
लोगों की।
नहीं देखा जाता। अब
जहां तक बात पंजाब की है तो पंजाब को
वॉरियर्स की धरती कहा जाता है। पंजाब किसी
भी जंग को हमेशा लड़ने के लिए तैयार रहता
है। एंड आई होप इस जंग को भी वो लड़ेगा,
जीतेगा। एंड दिस इज़ नॉट द फर्स्ट टाइम
पंजाब इस फेसिंग फ्लड्स। 1988 में भी
डेडली फ्लड्स आए थे। फिलहाल बॉर्डर
सिक्योरिटी फोर्स, एसडीआरएफ दैट इज़ स्टेट
डिजास्टर रिस्पांस फोर्स, एनडीआरएफ, नेशनल
डिजास्टर रिस्पांस फोर्स सब काम पर लगे
हैं। एंड वी रियली वाना थैंक दैट। आई
आल्सो वांट टू थैंक एव्री सेलिब्रिटी
पब्लिक पर्सनालिटी हु इज कमिंग आउट
हेल्पिंग कंट्रीब्यूटिंग।
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