अरे भाइयों और बहनों आप ने नकली नोटों के
पकड़े जाने के बारे में तो खूब सुना होगा
मगर क्या कभी आपने नकली सिक्के के बारे
में सुना है अब आप सोच रहे होंगे कि ठीक
है नकली सिक्कों को बनाने में कौन सी बड़ी
बात हो गई और ऐसे कितने ही निकली से कोई
बना लेगा तो आपको बता दें इन छोटे छोटे
सिक्कों से एक महिला ने ज्यादा नहीं 30
करोड़ रुपए कमा लिए थे यह अलग यार आप
सीटीसी को सकता आज में आपको बताएंगे कि कैसे होता है नकली सिक्के
बनाने का एक काला धंधा और इतना ही नहीं आप
एक नकली सिक्के वो कैसे पहचान सकते हैं ताकि आप बात से ₹10 के सिक्के का लफ्ज़ 18 बच्चा
है तो चलिए शुरू करते हैं वैसे इस तरह के
शातिर दिमाग हवा मिलती है आजकल फेमस हो
रहे हैं वह प्लेटफार्म से दोस्तों आज के
टाइम में पॉजिटिव प्लेटफॉर्म हम सब की
जिंदगी का एक हिस्सा बन चुके हैं आपने
मूवी इसमें या वेब सीरीज में देखने के लिए
बहुत से रोटी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया
होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि
एजुकेशन के लिए बेक आर्म आ सकते हैं तो
इसका जवाब है वन न्यूरॉन एजुकेशन समिट जी
हां वह न्यूरॉन लेकर आया है वह कोट यह
प्लेटफॉर्म फॉर रजिस्ट्रेशन इस प्लेटफार्म
पर आपको इन डांस क्यों जैसे कि मशीन
लर्निंग भैया ए सॉफ्टवेयर हार्डवेयर के
बारे में एक्सपोर्ट द्वारा तैयार किए गए
फंड से भी ज्यादा कोर्स 450 से ज्यादा
प्रोडक्ट्स मिलें इतना ही नहीं वह
न्यूयॉर्क स्पोर्ट्स ही हनुमान अपने
डाउट्स क्लियर करने का मौका देता है इसके
साथ-साथ आप उसे करियर गाइडेंस के लिए सकते
हैं और मॉक इंटरव्यू की तैयारी भी कर सकते
हैं जहां 30 प्लेटफार्म पर आपको अपनी
रिसर्च और एक्सप्लोरेशन के लिए इनवेस्ट
ब्लैक और इनक्यूबेशन लाभ एक्टर्स मिलेगा
जो आपके भविष्य को नई दिशा देने मतलब कर
सकता है अगर आप भी ऐसे ही किसी प्लेटफॉर्म
की तलाश में तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक
कीजिए जहां दस प्रतिशत डिस्काउंट भी पा
सकते हैं दोस्तों आपको क्या लगता है कि
दुनिया का सबसे सफलता दर कौन सा है अगर
आपको ही बता लो हम बता देते हैं पूरे भारत
ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे सफल
स्टार्ट-अप है यह सिक्कों की फैक्ट्री
क्योंकि इस फैक्ट्री से इस महिला और उसके
साथियों ने 3 महीने में 30 करोड़ का
मुनाफा कमाया है जैसा आप अपने कानों पर
विश्वास कर लीजिए कि कोई भरोसा नहीं जिस
मुल्क में आप सिक्के जमा कर रहे हैं वह भी
क्लियर आपकी छोटी सी फैक्ट्री फेवरेट लग
जाए क्या पता वह तो यह वह लोग हैं जो
सिर्फ शिक्षकों की मदद से अमीर बन गए और
कुछ छोटे-मोटे हम यह नहीं बल्कि करोड़पति
बन गए थे कैसे आइए जानते हैं दरअसल इस बात
का खुलासा तब हुआ जब फरीदाबाद पुलिस को
उनके खुफिया मुख्यालय से यह खबर आई कि हर
रोज एक गाड़ी तोड़ना के बढ़ाती है और नकली
सिक्कों की सप्लाई करती है पुलिस ने इस
बारे में जब पता किया तो पाया कि अ खबर
सस्ता है उस फिर क्या था इतना देखकर पुलिस
सभी टोल नाकों पर तैनात हो गई और जब पुलिस
की जानकारी के अनुसार यह गाड़ी आई तो
उन्होंने इस गाड़ी को रोककर पूछताछ की
शुरुआत में तो गाड़ी किसी घरेलू परिवार के
लग रही थी इसमें फैमिली के लोग कहीं घूमने
जा रहे हो तो इसको लगा कि शायद किसी
अधिकारी को पकड़ लिया है अगर समुद्र में
बताया कि यही गाड़ी है तो पुलिस ने तलाशी
लेनी शुरू की और थोड़ी सी 4 मिनट के बाद
जो सामने आया उसे देखकर फ्लेक्स और आसपास
के लोगों की हैरानी का ठिकाना नहीं था उस
गाड़ी में सिक्कों की कई सारे बैक स्प्रे
और कि इतने सारे सिक्के यौन सिक्कों से एक
नई गाड़ी खरीदी जा सकती थी बता दें कि उन
बॉक्स में से पुलिस को लगभग ढाई लाख रुपए
के सिक्के मिले इतने सारे पिछले करवा भीड़
जमा हो गई अब पुलिस सब छोड़कर पूछताछ में
लग गई थी आपको यह बता देते हैं कि महिला
कैसे काम करती थी दरअसल फैक्ट्री में
सिक्के बनवाने के बाद यह अपने साथियों के
साथ इन सिक्कों को बात निकल जाती थी मगर
यह क्या भी बड़े लीगल तरीके से करती थी जी
है ध्यान रख यह नोट की तस्करी में हवाला
और गैरकानूनी गतिविधियां शामिल होती हैं
वह इकलौती महिला खुलेआम कई लाखों के नकली
सिक्के चला रही थी अपना सारा धन लाभ टोल
नाकों से चला दी थी मगर टोल कर्मी ने
बताया कि उन्हें अक्सर खुले पैसों की
दिक्कत होती है इसलिए उसने उसका फायदा
उठाकर वह अपने सिक्के बेचने शुरू कर दिए
और टोल कर्मचारी भी इस अकेले थे क्योंकि
कभी उन्हें जरा भी शक ही नहीं हुआ कि
महिला नकली सिक्कों में पहुंच जाती है आप
सोचिए जो लोग दिनभर नोट और सिक्कों के बीच
घिरे रहते हैं उन्हें नहीं पता चला कि
सिक्के रख ली है अब हम तो वैसे भी सैलरी
के नाम पर पृथ्वी हम कैसे पहचान पाएंगे
कौन सा सिक्का ऐसी अश्लील महिला इन टोल
नाकों पर हर रोज सिक्कों के पहले
तो
फिर
नियुक्तियां कर
दी थी पुलिस ने आरोपी महिला से पूछताछ की
तो उसने
तीन साथियों के साथ मिलकर
की
जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत अपनी
बनानी शुरू की
पुलिस
पहुंची तो वहां पर यह बनाने का पूरा काम
व्यवस्थित ढंग से और
दोस्तों
थे और बाजार में जाते थे पुलिस वहां
पहुंची और के साथ में बनाने वाली मशीन भी
बरामद हुई पूछताछ में पिछले महीने हुए
जिससे 30 करोड़ की कमाई गीत है वैसे ये
पहली बार नहीं है इससे पहले भी छोटे नकली
सिक्कों के व्यापारी पकड़े गए आपको बता
दें कि ऐसी फैक्ट्री उदयपुर के घर आओगे
घाटी स्थित मकान में पाई गई थी या आरोपी
घर के अंदर ही प्यारा टन की मशीन लगाकर
नकली सिक्के छाप कर पा दरबार दिया करता था
और यह सब वह पिछले 11 महीनों से कर रहा था
और 11 महीनों में 25 लाख रुपए से ज्यादा
किसी की तुलना को सहित अन्य स्थानों पर
खुले सिक्कों के नाम पर भेज दिए थे इस
व्यक्ति का नाम ललित सोनी झाल इसकी पांच
की नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री जुलाई
2016 से चल रही थी लेकिन पुलिस को इसकी
भनक तक नहीं लगी ललित जो अपने घर में बना
था इन सिक्कों के पार्टनरशिप लाल सोनी और
सौरभ जैन काम करते थे यहां से ले जाते थे और
सोच रहे होंगे कि बनाने की विधि
हेलो दोस्तों एक सिक्के को बनाने में
सिर्फ 50 पैसे खर्च आता है इसमें हम सारे
खर्च को मिलाकर बता रहे हैं और जैसा कि आप
जानते हैं कि एक सिक्का ₹5 का चलता है तो
आप इस मुनाफे को कैलकुलेट कर सकते हैं 171
साढ़े चार का मुनाफा कमा लेते थे कभी देखा
है अपने प्रोफिट वाला उसने दोस्तों अब आप
अपनी जेब में हाथ डाल कर एक सिक्का
निकालिए और उसको देखिए देख रहे गुफा लग
रहा है मगर थोड़ा रुक जाइए आपमें से हार
किसी के अच्छे रस मलाई रही होगी कि अब हम
आपको बताएंगे असली और नकली
करें कि
आप
सब स्कूल
में
एक ₹10 का यह
और
इसको आप देख पा सकते हैं इसके अलावा
अपनी स्क्रिप्ट बनी है जबकि नकली सिक्के
में 15 पट्टी बनी हुई है इस वेबसाइट को
रुपए के सिंबल के रूप में दिखेंगी आप चाहे
तो कमेंट कर सकते हैं आप के सिक्के में
कितनी स्ट्रिप्स बनी हुई है कि दोस्तों आप
बताते हैं सबसे बड़ा उत्तर जिसको आप देखकर
तुरंत पहचान जाएंगे क्योंकि नकली सिक्के
हुए 10 केवल बीच के सिल्वर वाले से पहले
क्या होता है जबकि असली सिक्के मैं थोड़ा
नीचे लिखा होता है और उसको ऐसे लिखा जाता
है कि गोल्ड और सिल्वर दोनों पर आ जाए
नकली सिक्के बनाने वालों के पास यह तक
नहीं अभी नहीं आई है कि ऐसे गोल्ड और
सिल्वर दोनों पर 10 नंबर की प्रिंटिंग कर
सके अब अपना लीजिए और
दूसरी ओर भारत और इंडिया अलग-अलग
यह और यह भारत और इंडिया
के साथ
तो आपको पर नजर आने वाले अशोक स्तंभ के
नीचे और ऊपर और
कोई नहीं हुई है यहां पर बता दें कि नकली
सिक्के बनाने वाली भारत में कोई यह की
फैक्ट्री नहीं है जब नोटबंदी नकली नोट पर
छापे की खबर सामने आई है कि यह लोगों ने
अपना धंधा नकली सिक्कों पर शिफ्ट कर लिया
है जिससे विसकम और मुनाफा दोगुना हो जाता
है क्योंकि अब भला ₹5 के पीछे कौन सी
करेगा आरंभ बिना सोचे-समझे पांच ₹10 का
सिक्का अपने वॉलेट में सबसे आगे वाली जेल
में डालकर निकल पड़ते हैं इसलिए कहते हैं
छोटा हो या बड़ा हर किसी को रेस्पेक्ट
रखना चाहिए तो यह तो नकली सिक्के और उनकी
फैक्ट्री अगर ऊपर का टेस्ट करके