पहली बार किसे और कब मिला कच्चा तेल ? |
अपनी आंखें बंद करके सोचो अगर एक दिन आप
सुबह-सुबह सोकर उठते हो आंखें मलते हुए
अपना मोबाइल उठाते हो और पता चलता है कि
हर तरफ कोहराम मचा हुआ
है आपको पता चलता है कि दुनिया में कच्चा
तेल खत्म यानी पेट्रोल डीजल कुछ भी नहीं
बचा बूंद परर भी नहीं सुनकर टेंशन तो
होगी घर के दरवाजे पर कार खड़ी है बाइक
खड़ी है अब उनका क्या होगा देखा जाए तो यह
हालात आज से आपको करीब 170 साल पीछे ले
जाएंगे 170 साल पहले इसलिए क्योंकि वो भी
एक ऐसा दौर था जब पेट्रोल और डीजल कुछ भी
नहीं हुआ करता था बल्ब भी नहीं जलता था
इलेक्ट्रिक पंखा भी नहीं और यहां तक कि
एसी भी नहीं जरा सोच कर देखिए कि तब लोग
आज की इन जरूरी चीजों के बिना जीते कैसे
थे क्या रात को घरों में अंधेरा ही रहता
था अगर नहीं तो रातों को घरों में रोशनी
आखिर होती कैसे थी और फिर एक दिन इस तेल
की खोज कैसे हुई और फिर किसका दिमाग घूमा
और कैसे ये दुनिया बदलने वाले पेट्रोल
डीजल मिले आइए जानते हैं आज की इस वीडियो
में आपने वीडियो के टाइटल और थंबनेल में
ब्लैक गोल्ड देखा होगा मैंने यहां ब्लैक
गोल्ड क्रूड यानी कि कच्चे तेल को गाए इसे
ब्लैक गोल्ड कहने की सिर्फ एक ही वजह है
और वो है इसकी ताकत इसी के दम पर गल्फ
कंट्रीज अपना दबदबा दिखाते हैं हबीबी लोग
खुलकर कह पाते हैं हबीबी कम टू दुबई
अमेरिका ने इसी के चक्कर में इराक में
आर्मी छोड़ी थी रूस यूक्रेन वॉर के टाइम
पर इसी ब्लैक गोल्ड के लिए इंडिया ने
अमेरिका का मूड खराब कर दिया था था अब
इतना तो आप समझ गए होंगे कि यह कितना
जरूरी है पर इसके मिलने की कहानी इससे भी
ज्यादा दिलचस्प है क्योंकि एक जिद एक
उम्मीद और थोड़ा लक इन्हीं सब से मिलकर
दुनिया के सामने आया ब्लैक गोल्ड बात
बिल्कुल शुरू से शुरू करते हैं ऐसा कहा
जाता है कि मॉडर्न एरा शुरू होने से करीब
हजारों साल पहले तेल और गैस का इस्तेमाल
कुछ हद तक किया जाता था ऐसा भी कहा जाता
है कि तेल के कुएं 347 ईसवी में सबसे पहले
चीन में खोदे गए थे लेकिन मॉडर्न हिस्ट्री
की शुरुआत जब हुई तब तक तेल और गैस लोगों
की जिंदगी से गायब हो चुके थे 15वीं और
16वीं सेंचुरी में आलम ये था कि अंधेरा
होते ही लोग घरों से बाहर नहीं निकलते थे
और यह बहुत आम हुआ करता था अगर कभी उन्हें
रात में कुछ काम करना होता था तो इसका
इंतजाम कई दिनों पहले से करना होता था अब
इस इंतजाम के बारे में सुनकर आपका मूड
थोड़ा अजीब हो सकता है और थोड़ी हैरानी तो
कंफर्म आपके चेहरे पर दिखने वाली है दरअसल
उस दौर में अमेरिका और यूरोप में लोग एक
खास तरह की मछली और खास तरह की एक चिड़िया
का शिकार करते थे उसे कई दिनों पहले से ही
घर में लाकर रख लिया करते थे इन्हें कई
दिनों तक सुखाया जाता था फिर इनसे रोशनी
की जाती थी अरिका में तब इसके लिए सलमन
फिश का बड़ा इस्तेमाल होता था लोग इस मछली
को पकड़कर कई दिनों तक सुखाते फिर किसी
रात को जब जरूरत होती तो इसे एक लोहे के
स्टैंड पर रखकर जला देते और रोशनी हो जाती
इसी तरह स्कॉटलैंड में लोग एक पेट्रल नाम
की चिड़िया को मारकर सुखा लेते थे जिसे
कहीं-कहीं पर ऑयली बर्ड भी कहा जाता है इस
चिड़िया के गले में बत्तियां डाली जाती थी
ठीक वैसे ही जैसे मोमबत्ती में बत्ती डाली
जाती है और फिर कहा जाता है कि यह
चिड़ियां कई घंटों तक रोशनी किया करती थी
कुल मिलाकर आप इसे लाल टेन की तरह समझ
सकते हैं पर वो होता थोड़ा सा अलग था अगला
दौर और वेल का तेल फिर इस दौर से लोग बाहर
आए एक नया जमाना आया नया आविष्कार हुआ
जहां पर साल 1700 से 1850 तक वेल मछली का
तेल काफी चलन में आ चुका था लैंप जलाने के
लिए इसका खूब इस्तेमाल हुआ लेकिन इसकी वजह
से बड़ी तादाद में लोग लोगों ने वेल मछली
का शिकार करना शुरू कर दिया यहां तक कि उस
दौर में इस तेल की कई कंपनियां भी बन गई
थी और छोटी-छोटी बॉटल्स में यह तेल बिका
करता था दुनिया भर में अमेरिका इस कारोबार
में नंबर वन था और अमेरिका में ये
इंडस्ट्री पांचवी सबसे बड़ी इंडस्ट्री थी
सुनने में आता है कि तब समुद्र में वेल
पकड़ने वाले करीबन 900 जहाज घूमा करते थे
जिसमें से 700 से ज्यादा सिर्फ अमेरिका के
थे लेकिन इतना बड़ा पाप आखिर कब तक कोई
होने देता कुछ लोगों को वेल का शिकार किया
जाना बिल्कुल पसंद नहीं आया था तो वो लोग
फ्यूल का दूसरा ऑप्शन ढूंढने लगे और फिर
आता है साल 1846 कनाडा के साइंटिस्ट और
जियोलॉजिस्ट अब्राहम पिने गेसनर को इस काम
में कामयाबी मिली उन्होंने लैंप चलाने के
लिए नया फ्यूल इजाद कर लिया और इसके लिए
उन्होंने एक बहुत ही सिंपल मेथड का यूज
किया अब्राहम ने बस कोयला कोलतार और ऑयल
शेल को रिफाइन कर दिया जिससे हमें मिला
केरोसिन ऑयल यानी मिट्टी का तेल अब इसे
बनाना आसान भी था और यह वेल ऑयल से आधे से
कम दाम पर भी मिल जाता था इस फ्यूल की खोज
होते ही बेल के तेल का मार्केट बुरी तरह
से ढह गया इधर 1850 में अब्राहम गेसनर ने
पहले तो केरोसिन गैस लाइट नाम की कंपनी
खोली और फिर सड़कों पर लैंप लगाने के
कांट्रैक्ट्स लिए फिर घर-घर में केरोसिन
ऑइल से रोशनी होने लगी यह उस समय का एक
बहुत बड़ा आविष्कार माना गया था इसलिए भी
क्योंकि केरोसीन इतना सस्ता था कि इसे हर
कोई माने गरीब हो चाहे अमीर सब खरीद सकते
थे यह वो वक्त भी था जब आम लोगों ने रात
को भी घरों से निकलना शुरू किया क्योंकि
अब सड़कों पर लैंप लग गए थे अब इससे आप
अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितनी बड़ी
इन्वेंशन रही होगी लेकिन अभी से और बड़ा
होना था क्योंकि इसके बाद भी और बेहतर
फ्यूल का ऑप्शन तलाशा जा रहा था और फिर
आया साल
18581 अमेरिका के ही पेंसिल्वेनिया के कुछ
रूरल एरियाज में पहुंचे दरअसल उन्हें कहीं
से पता लगा था कि पेंसिलवेनिया के कुछ दूर
दराज वाले इलाकों में लोगों को अजीब सा
कोई चिकना पदार्थ जमीन पर दिखाए कई जगह
इसे लिक्विड के छोटे-छोटे बबल जमीन पर भी
देखे गए थे प्रोफेसर बिसेल इन इलाकों में
गए और इस लिक्विड के कई सैंपल्स लेकर वापस
अपने कॉलेज पहुंच गए कई दिन लगे लेकिन इस
लिक्विड को उन्होंने फाइनली रिफाइन कर ही
लिया रिसर्च की और पता लगा लिया कि इसमें
लैंप चलाने की ताकत है यानी बिसेल को यह
अंदाजा हो गया था कि पेंसिलवेनिया के
इलाके में जमीन के नीचे एक ऐसा लिक्विड है
जिससे लैंप जलाया जा सकता है इसके बाद वो
जल्दी ही फिर पेंसिल्वेनिया के उन्हीं
इलाकों में दोबारा पहुंचे लेकिन अब उन्हें
तलाश थी एक ऐसे इंसान की जो उनके लिए तेल
के कुएं का पता लगा सके यानी जो खुदाई
करके जमीन के नीचे तेल ढूंढ सके प्रोफेसर
जॉर्ज बिसेल को एक ऐसा बंदा जल्दी मिल गया
था नाम था एडविन ड्रेक एडविन ड्रेक एक
कंडक्टर थे होटल में क्लर्क की नौकरी भी
कर चुके थे हां लेकिन कुल मिलाकर उनकी
टेक्निकल नॉलेज बिल्कुल जीरो थी लेकिन जब
प्रोफेसर बिसेल ने उन्हें अपना प्लान
बताया तो वो तेल ढूंढने के काम के लिए
फौरन तैयार हो गए एडविन ड्रेक ने
पेंसिलवेनिया के ही एक आदमी को हायर किया
ा रोजाना दिहाड़ी पर नाम था विलियम स्मिथ
प्यार से लोग इन्हें अंकल बिली कहते थे
अंकल बिली को पानी के नल लगाने के लिए
जाना जाता था जमीन में ड्रिलिंग यानी
बोरिंग का काम करते-करते उनके बाल सफेद हो
चुके थे माने एक्सपीरियंस बहुत ज्यादा था
और उसी के साथ अब काम शुरू हुआ
पेंसिलवेनिया के अलग-अलग इलाकों में तेल
की खोज का कई महीनों काम हुआ लेकिन कुछ
नहीं मिला फिर ये लोग पहुंचे यहां के
टाइट्स वेले इलाके में अंकल बिली ने अपने
बेटों के साथ यहां मेटल का पाइप लगाकर
ड्रिलिंग करना शुरू कर दिया शुरू में जमीन
से कुछ तेल की बूंदे निकली उम्मीद जगी
लेकिन 39 फीट की खुदाई के बाद जमीन में एक
बड़ा पत्थर आ गया और ड्रिलिंग करने वाला
मेटल का पाइप अटक गया इसके बाद ड्रिलिंग
बंद कर दी गई एडविन ड्रेक स्टीम का इंजन
लेकर आए जिससे फिर ड्रिलिंग की कोशिश की
गई तगड़ी चोटों के बाद जमीन के नीचे आया
पत्थर टूट गया और ड्रिलिंग फिर से शुरू हो
गई यहां पर एक बात वैसे आपको मैं बताना
भूल गया कि उस समय जब ड्रिलिंग चल रही थी
तो हर कोई एडविन ड्रेक और अंकल बिली का
मजाक बना रहा था क्योंकि यह वो वक्त था जब
कोई सोच भी नहीं सकता था कि जमीन के नीचे
पानी की जगह तेल भी हो सकता है लोगों ने
ड्रेक को पागल तक करार दिया था लेकिन
ड्रेक तब भी डटे हुए थे देखिए इंसान को
लगातार इसी तरह डटे रहने के लिए उम्मीद
चाहिए होती है खैर 60 फीट तक ड्रिलिंग
होने के बाद भी जब तेल जैसा कुछ नहीं
निकला तो एडविन ट्रे कुछ ना उम्मीद से हो
गए उन्होंने अंकल बिल्ली से दुखी होकर कहा
अब आप चाहे कितनी खुदाई कर लो लेकिन मुझे
नहीं लगता अब यहां से कुछ हमें मिलेगा अब
आप देख लो कि अब खुदाई करनी है या नहीं
मैं तो जा रहा हूं मैं आपको आकर काम बंद
करने के लिए आखिरी परमिशन दे दूंगा इसके
बाद एडविन ड्रेक टाइट्स फले सिटी से चले
गए कुछ लोगों का मानना है कि एडविन
ट्रेलिंग का काम बंद करने के लिए प्रोफेसर
जॉर्ज बिसेल की परमिशन लेने वहां से गए थे
हालांकि ड्रेक के जाने के बाद भी अंकल
बिली ने ड्रिलिंग का काम जारी रखा बस
थोड़ा स्लो कर दिया था अब वो आराम ज्यादा
करते ड्रिलिंग कम ऐसा होना लाजमी भी था
क्योंकि उनकी उ ने अब दम तोड़ना शुरू कर
दिया था लेकिन फिर आता है 28 अगस्त
18590 फीट की ड्रिलिंग हो चुकी थी फिर
पेटे ने ड्रिलिंग पाइप जमीन में डाला और
पाइप में फंसी मिट्टी निकालने के लिए उसे
ऊपर खींचा जो कि ड्रिलिंग का बेसिक
प्रोसेस है लेकिन इस बार मिट्टी के साथ
पाइप के निचले हिस्से में एक बदबूदार
लिक्विड भी लगा हुआ था एक चिकना गाढ़ा
काला पदार्थ था बेटा दौड़कर अपने पिता के
पास पहुंचा कहा कि पापा उठो तेल मिल गया
है अंकल बिल्ली ने जब ये सुना तो बेटे की
ओर देखते रह गए उनके लिए यकीन करना बहुत
मुश्किल था बेटे ने हाथ बढ़ाया और उन्हें
अपनी उंगलियों पर लगा ऑयल दिखा दिया अंकल
बिली देखते ही पहचान गए कि यह वही था
जिसका सैंपल उन्हें एक छोटी सी शीशी में
महीनों पहले प्रोफेसर जॉर्ज बिसेल ने दिया
था अब बस फिर गया था तीनों के अंदर एक नया
जोश और एक जुनून आ गया था और तीनों डट गए
ड्रिलिंग करने में अगले दिन एडविन ड्रेक
वापस से टाइट्स विले सिटी लौटे अब व आए तो
थे अंकल बिली को ड्रिलिंग करने से रोकने
के लिए और सामान बांधकर वापस घर ले जाने
के लिए लेकिन बग्गी से उतरते ही दूर से
एडविन ने ड्रिलिंग साइड का जो नजारा देखा
तो उन्हें लगा कि कुछ बवाल हो गया लोगों
की भीड़ वहीं कट्टर थी वो तेजी से
ड्रिलिंग साइड की ओर बढ़े करीब जाकर देखा
तो बड़े-बड़े
ड्रमोंडविले और अंकल बिल्ली और उनके बेटे
डलिंग करने के बजाय इस तेल की सुरक्षा में
लगे हुए थे अंकल बिल्ली ने एडविन ड्रेक को
देखते ही अपनी गोल हैट सर से उतारी और
अपने सीने पर हाथ रखकर ड्रेक की ओर सिर
झुका कर मुस्कुराए फिर पास जाकर उन्हें
कले लगा लिया अब तक ड्रेक का सवाल पूछने
वाला चेहरा इत्मीनान वाली शक्ल में बदल
चुका था ड्रेक को आगे समझने में देर ना
लगी कि अंकल बिली के चेहरे पर खुशी क्यों
है अरी के जानकार बताते हैं कि एडविन
ड्रेक और अंकल बिली जिस इलाके में
ड्रिलिंग कर रहे थे वो इलाका का टाइट्स
फले शहर से करीब 11 किमी दूर था एक देहात
का इलाका और तब वहां आसपास कुछ भी नहीं था
लेकिन तेल की खोज होने के कुछ साल बाद ही
इस एरिया में पैर रखने की जगह तक नहीं थी
एडविन ड्रेक के तेल के कुएं के 45
किलोमीटर के इलाकों को बाहर से आए लोगों
ने खरीद लिया था मकान बन गए थे बड़े लेवल
पर लोग ट्रेलिंग करने का काम शुरू कर चुके
थे $20 में एक बैरल तेल तब यहां बिकने लगा
था
से ज्यादा होटल यहां बन चुके थे पूरे
अमेरिका में यह शहर ऑयल सिटी के नाम से
मशहूर हो गया था दूर-दूर से लोग यहां आते
थे 15000 लोग यहां अपना मकान बनाकर रहने
लगे थे लेकिन फिर जल्द ही वो वक्त भी आया
जब सब इस शहर को छोड़कर जाने लगे थे लेकिन
क्यों दरअसल जनवरी
1866mhz पर डे पहुंच गया फिर अगले एक साल
में घटकर 2000 बैरल पर डे कुछ सालों में
यहां के कुव में तेल खत्म ही हो गया और
फिर लोग इस शहर को छोड़कर चले गए लेकिन तब
तक पूरे अमेरिका और दुनिया को यह पता चल
चुका था कि जमीन सिर्फ पानी ही नहीं उगलती
इसमें से तेल भी निकलता है इस खोज के बाद
बड़े-बड़े प्लेयर्स कच्चे तेल की फील्ड
में उतर गए काले सोने यानी क्रूड ऑयल की
बड़ी रिफाइनरी यां खुली पेंसिल्वेनिया के
अलावा अमेरिका के अलास्का ओहियो और
टेक्सास जैसे राज्यों में बड़े तेल के
कुएं मिले और अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा
तेल प्रोड्यूसर मुल्क बन गया इसी की ताकत
से वो दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी भी बना
और आज भी दुनिया में उसका दबदबा है अब तो
खैर यह ब्लैक कोल्ड समुद्र में भी मिलता
है लेकिन बात वही कि सबसे पहली बार कैसे
किसी चीज को ढूंढा गया क्योंकि किसने ही
सोचा होगा कि जमीन के नीचे पानी के अलावा
तेल भी हो सकता है बहरहाल जो भी हो आपको
यह वीडियो कैसी लगी मुझे कमेंट्स में जरूर
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